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25/01/2018

Hind Desh Ke Niwasi Hindi Lyrics हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली प्यारे-प्यारे फूल गूंथे माला में एक हैं प्यारे-प्यारे फूल गूंथे माला में एक हैं हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक हैं जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक हैं हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं हिन्द देश के निवासी..

Hind Desh Ke Niwasi

हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं

बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली
बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली
प्यारे-प्यारे फूल गूंथे माला में एक हैं
प्यारे-प्यारे फूल गूंथे माला में एक हैं
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं

कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी
कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी
गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है
गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं

गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी
गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी
जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक हैं
जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक हैं

हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं
हिन्द देश के निवासी..


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