https://youtu.be/33Na0vCitkI
संज्ञा के भेद | Kind of Noun
हिन्दी व्याकरण (Hindi grammar Sangya) में संज्ञा के 05 (पांच) भेद/ प्रकार होते हैं:-
व्यक्तिवाचक संज्ञा | Proper Noun
जातिवाचक संज्ञा | Common Noun
भाववाचक संज्ञा | Abstract Noun
समूहवाचक संज्ञा | Collective Noun
द्रव्यवाचक संज्ञा | Material Noun
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा –
जिस शब्द से किसी एक वस्तु या व्यक्ति का बोध होता है,
उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे – रमेश, महेश, गंगा, हिमालय।
व्यक्तिवाचक संज्ञा में व्यक्तियों, दिशाओं, देशों,
व्यक्तिवाचक संज्ञा में व्यक्तियों, दिशाओं, देशों,
राष्ट्रीयता, समुद्रों, नदियों, पर्वतों, सड़कों, पुस्तकों,
समाचार पत्रों, घटनाओं, दिन-महीनों, त्यौहार-उत्सवों
इत्यादि को स्थान दिया जाता है।
उदाहरण : श्याम, सुरेश, उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, भारत, भारतीय, हिन्द, महासागर, हिमालय, दिल्ली, ऋग्वेद, दैनिक जागरण, मई, बुधवार, होली, दिवाली जैसे शब्द व्यक्तिवाचक शब्द हैं।
2. जातिवाचक संज्ञा –
जिस शब्द से एक ही प्रकार की वस्तुओं, व्यक्तियों तथा प्रवृत्तियों का बोध हो तो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। संबंधियों, व्यवसायों, पदों तथा कार्यो, पशु-पक्षियों, वस्तुओं तथा प्राकृतिक तत्वों के नाम जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं।
उदाहरण : भाई, बहन, प्रोफेसर, मनुष्य, नदी, घोड़ा, गाय, पुस्तक, वर्षा, ज्वालामुखी, राजा, मंत्री, कुर्सी, घोड़ा, बनिया, ब्राम्हण, लड़का, नर, नारी, आदमी, औरत, पहाड़, नदी, घाटी, समुद्र, द्वीप, तालाब, अनाज जैसे शब्द जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण है।
3. भाववाचक संज्ञा –
जिस शब्द से किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण या धर्म, दशा तथा कार्य व्यापार का बोध होता है, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
प्रत्येक पदार्थ का अपना एक स्वभाव होता है। मनुष्य का स्वभाव मनुष्यत्व तथा पशु का हरकत पशुत्व कहलाता है।
भाववाचक संज्ञा के एक शब्द से एक ही शब्द का बोध होता है, इस कारण ऐसे शब्दों का प्रयोग उसके उसी रूप में होता है। बहुवचन के प्रयोग संभव नहीं होते।
उदाहरण : लंबाई, नम्रता, चाल, समझ, मनुष्यत्व, देवत्व, पशुत्व, अपनापन, बंधुत्व, मर्दाना, शीतलता, मिठास, तीखापन, बुढ़ापा, मित्रता, गर्मी, सर्दी, निजत्व, मित्रता, पढ़ाई, लड़ाई, कड़ाई, प्रवाह,इत्यादि भाववाचक संज्ञा के उदाहरण है।
उदाहरण : श्याम, सुरेश, उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, भारत, भारतीय, हिन्द, महासागर, हिमालय, दिल्ली, ऋग्वेद, दैनिक जागरण, मई, बुधवार, होली, दिवाली जैसे शब्द व्यक्तिवाचक शब्द हैं।
2. जातिवाचक संज्ञा –
जिस शब्द से एक ही प्रकार की वस्तुओं, व्यक्तियों तथा प्रवृत्तियों का बोध हो तो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। संबंधियों, व्यवसायों, पदों तथा कार्यो, पशु-पक्षियों, वस्तुओं तथा प्राकृतिक तत्वों के नाम जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं।
उदाहरण : भाई, बहन, प्रोफेसर, मनुष्य, नदी, घोड़ा, गाय, पुस्तक, वर्षा, ज्वालामुखी, राजा, मंत्री, कुर्सी, घोड़ा, बनिया, ब्राम्हण, लड़का, नर, नारी, आदमी, औरत, पहाड़, नदी, घाटी, समुद्र, द्वीप, तालाब, अनाज जैसे शब्द जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण है।
3. भाववाचक संज्ञा –
जिस शब्द से किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण या धर्म, दशा तथा कार्य व्यापार का बोध होता है, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
प्रत्येक पदार्थ का अपना एक स्वभाव होता है। मनुष्य का स्वभाव मनुष्यत्व तथा पशु का हरकत पशुत्व कहलाता है।
भाववाचक संज्ञा के एक शब्द से एक ही शब्द का बोध होता है, इस कारण ऐसे शब्दों का प्रयोग उसके उसी रूप में होता है। बहुवचन के प्रयोग संभव नहीं होते।
उदाहरण : लंबाई, नम्रता, चाल, समझ, मनुष्यत्व, देवत्व, पशुत्व, अपनापन, बंधुत्व, मर्दाना, शीतलता, मिठास, तीखापन, बुढ़ापा, मित्रता, गर्मी, सर्दी, निजत्व, मित्रता, पढ़ाई, लड़ाई, कड़ाई, प्रवाह,इत्यादि भाववाचक संज्ञा के उदाहरण है।
पढ़ें ➤ तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी शब्द क्या है ? शब्दों के प्रकार व भेद
भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण जातिवाचक संज्ञा, विशेषण, क्रिया, सर्वनाम तथा अव्यय में प्रत्यय लगाकर होता है।
भाववाचक संज्ञा का निर्माण | Constructive Noun
अ) जातिवाचक संज्ञा से –
बूढ़ा – बुढापा, लड़का – लड़कपन, मित्र – मित्रता, मनुष्य – मनुष्यत्व
ब) विशेषण से –
गर्म – गर्मी, मीठा – मिठास, कठोर – कठोरता, नम्र – नम्रता
स) क्रिया से –
चढ़ना – चढ़ाई, पढ़ना – पढ़ाई, रोना – रूलाई, दौड़ना – दौड़
द) सर्वनाम से –
अपना – अपनापन, निज – निजत्व
इ) अव्यय से –
दूर – दूरी, समीप – समीपत्व
4. समूहवाचक संज्ञा –
जिस शब्द से वस्तु अथवा व्यक्ति के समूह अथवा बहुलता का बोध हो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है। सभा, दाल, संघ, गुच्छा, कुंज इत्यादि शब्द समूह का बोध कराते हैं।
उदाहरण: मेला भीड़, बाजार, प्रदर्शन, रैली, सेना, जुलूस, पार्टी, कुंज, धौंद, जमावड़ा, सैलाब, यूथ, समुदाय, हुजूम, सेना, झुण्ड, गिरोह, इत्यादि समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण है।
5. द्रव्यवाचक संज्ञा –
जिस शब्द से किसी धातु, द्रव तथा ऐसी वस्तुओं, जिसे नापा-तौला जा सके, का बोध हो, द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाती है।
उदाहरण: दूध, दही, सोना, चांदी, लोहा, लकड़ी, पानी, पीतल, तांबा, तेजाब, शराब, दूध, घी, दही, जल, खून, तेल, पारा इत्यादि शब्द द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण है।
पढ़ें ➤ वर्णमाला, स्वर, व्यंजन एवं उनके प्रकार: हिंदी व्याकरण सामान्य ज्ञान प्रश्नोतरी
संज्ञा का रूप परिवर्तन | Change of Nouns
संज्ञा के प्रयोग में कभी कभी परिवर्तन भी होता है। जातिवाचक संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में, व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा के रूप में तथा भाववाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग देखने को मिलता है।
उदाहरण –
देवी (जातिवाचक संज्ञा) से दुर्गा (व्यक्तिवाचक संज्ञा) का तथा
गोस्वामी (जातिवाचक संज्ञा) से तुलसीदास (व्यक्तिवाचक) का बोध होता है।
भीम (व्यक्तिवाचक संज्ञा) का प्रयोग कई जगहों पर वीर (जातिवाचक संज्ञा) के रूप में प्रयुक्त होता है।
पहनावा (भाववाचक संज्ञा) का प्रयोग वस्त्र (जातिवाचक संज्ञा) के रूप में भी होता है।
संज्ञा के रूप लिंग, वचन तथा कारक चिन्हों के रूप में बदलते है:-
जैसे –
लड़का खाता है – लड़की खाती है
(लिंग के आधार पर संज्ञा में परिवर्तन)
लडका खाता है – लड़के खाते हैं
(वचन के आधार पर परिवर्तन)
लड़का खाना खाता है – लड़के ने खाना खाया
(कारण चिन्ह के आधार पर परिवर्तन)
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